हनुमानगढ़। टाउन में राजस्थान रोडवेज संविदा चालक संघ की जिला स्तरीय
बैठक अध्यक्ष महिमा सिंह सिद्धू की अध्यक्षता में गुरुद्वारा सुखा सिंह
महताब सिंह हनुमानगढ़ टाउन में हुई। बैठक में सभी डिपू के संविदा चालक
सदस्य शामिल हुए। बैठक में चालकों के साथ राज्य पथ परिवहन के द्वारा हो रहे
शोषण के खिलाफ नीतिगत पहलुओं पर विचार किया गया। उन्होने बताया की रोडवेज
डिपो कर्मचारियों अपनी मांगों को लेकर अपनी हड़ताल करते है तो संविदा
चालकों को उनके कारण हड़ताल में मजबूरन शामिल होना पड़ता है, क्योंकि राज्य
पथ परिवहन के नियमित कर्मचारी कार्य बहिष्कार करते हैं तो संविदा वाले
बेवजह शामिल होते हैं, परंतु कहीं भी संविदा चालकों को नियमित करने के लिए
कोई मांग नहीं रखी जाती। अब राजस्थान रोडवेज संविदा चालक संघ अलग से अपनी
मांगों के लिये सरकार से मांग करता है। उन्होंने बताया यूनियन की 10 सूत्री
मांगे हैं जिसमें एजेंसी के द्वारा लगाए गए सभी चालकों को बिना शर्त सीधा
विभाग में लिया जाए, अस्थाई कर्मचारियों को माननीय उच्च न्यायालय द्वारा
दिए गए फैसले के अनुसार स्थाई कर्मचारियों के बराबर सैलेरी भुगतान किया
जाए, सैलरी में कोई कटौती ने की जाए तथा हर माक की 5 तारीख को सैलरी का
भुगतान किया जाए, सभी चालकों को हर माह सीपीएफ कटौती के सीधी दी जाए, सभी
चालकों को फैमिली पास बनाया जाए, सभी चालकों का आईडी कार्ड बनाया जाए, किसी
भी चालक को हटाया न जाए और हटाए गए चालकों को वापस ड्यूटी पर लिया जाये,
स्थाई कर्मचारियों पर लागू जो रोडवेज के नियम हैं उनकों सभी चालकों पर भी
लागू किया जाए, सभी रोडवेज बसों का बीमा होना चाहिए, रोडवेज में नई बसें
लगाई जाए तथा अनुबंधित बसों को बंद किया जाए। सरकार से इन मांगो पर विचार
करने का आग्रह किया। इस मौके पर उपाध्यक्ष हरभजन सिंह पुनी, महासचिव
राजेंद्र कुमार जाट, आबूरोड डिपो से किशोर कुमार, जालोर डिपो से भंवरलाल,
हनुमानगढ़ डिपो से भजन लाल, गंगानगर डिपू से महिमा सिंह ,संजय कुमार,
बलराज, नागौर डिपो से हनुमान बिश्नोई ,सरदारशहर डिपो से अमरीक सिंह, बलराज
सिंह, देवीलाल, अनूपगढ़ डिपो करणी सिंह, हेमराज, सीकर डिपो बसंत कुमार
शुक्ला , चूरू डिपो रमेश कुमार आदि उपस्थित थे।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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