हनुमानगढ़। राजस्थान राजस्व सेवा परिषद संयुक्त मंच राजस्थान पटवार एवं कानूनगो संघ जिला शाखा हनुमानगढ़ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश बुधवार को प्रारंभ हुआ। सामूहिक अवकाश के दौरान सभी संघ के सदस्यों ने जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को राज्य सेवा परिषद द्वारा 28 अप्रैल को हुए समझौते की पालना के संबंध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि 28 अप्रैल को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में लिखित समझौता हुआ था जिसकी भावना राज्य सरकार द्वारा आज दिनांक तक नहीं की गई है जिसके विरोध स्वरूप 28 सितंबर को प्रदेश के समस्त पटवारी और झूल अभिलेख निरीक्षकों ने सामूहिक अवकाश पर रहकर तथा 1 अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था परंतु सरकार की हठधर्मिता के कारण सभी संघ के सदस्यों को विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। संकेश्वर से ने बताया कि अगर 5 अक्टूबर के बाद भी हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस मौके पर मधुबाला, दुर्गा रानी, अजय छाबड़ा, परमानंद, योगेश, दीनदयाल, करणवीर ,कानाराम, दानाराम, ओमप्रकाश गोदारा, राजेंद्र सोनी ,जसवंत धत्तरवाल एवं अन्य सदस्य मौजूद थे।
हनुमानगढ़। राजस्थान राजस्व सेवा परिषद संयुक्त मंच राजस्थान पटवार एवं कानूनगो संघ जिला शाखा हनुमानगढ़ द्वारा अपनी विभिन्न मांगों को लेकर तीन दिवसीय सामूहिक अवकाश बुधवार को प्रारंभ हुआ। सामूहिक अवकाश के दौरान सभी संघ के सदस्यों ने जिला कलेक्ट्रेट के समक्ष धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को राज्य सेवा परिषद द्वारा 28 अप्रैल को हुए समझौते की पालना के संबंध में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया गया कि 28 अप्रैल को मुख्य सचिव महोदय की अध्यक्षता में लिखित समझौता हुआ था जिसकी भावना राज्य सरकार द्वारा आज दिनांक तक नहीं की गई है जिसके विरोध स्वरूप 28 सितंबर को प्रदेश के समस्त पटवारी और झूल अभिलेख निरीक्षकों ने सामूहिक अवकाश पर रहकर तथा 1 अक्टूबर को काली पट्टी बांधकर गांधीवादी तरीके से विरोध प्रदर्शन कर सरकार का ध्यान आकर्षित किया था परंतु सरकार की हठधर्मिता के कारण सभी संघ के सदस्यों को विरोध स्वरूप सामूहिक अवकाश लेकर धरना प्रदर्शन करना पड़ रहा है। संकेश्वर से ने बताया कि अगर 5 अक्टूबर के बाद भी हमारी मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता तो आंदोलन को और उग्र किया जाएगा। इस मौके पर मधुबाला, दुर्गा रानी, अजय छाबड़ा, परमानंद, योगेश, दीनदयाल, करणवीर ,कानाराम, दानाराम, ओमप्रकाश गोदारा, राजेंद्र सोनी ,जसवंत धत्तरवाल एवं अन्य सदस्य मौजूद थे।
टिप्पणियाँ