दिल्ली देशभर में पटाखों की बिक्री होगी या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट
ने आज अहम फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखों पर पूरी तरह से
बैन नहीं लगाया जाएगा। लेकिन कुछ शर्तों के साथ इसकी मंजूरी देते हुए
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक ही
पटाखे जलाए जाएंगे। बता दें कि 28 अगस्त को जस्टिस एके सीकरी और जस्टिस
अशोक भूषण ने दलील पूरी होने के बाद अपना फ़ैसला सुरक्षित रख लिया था।
रात 8 से 10 बजे तक जलाए जा सकते हैं पटाखे
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पटाखा बनाने की फैक्ट्री की जांच हो। साथ ही
दिवाली पर रात 8 से 10 बजे तक ही पटाखे जलाए जाएंगे। क्रिसमस पर 11:45 से
12:25 तक ही पटाखे जलाए जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य
सरकारों को निर्देश देते हुए कहा कि कम एमिशन वाले पटाखों को ही इजाजत है।
सिर्फ लाइसेंसधारी वाले ही पटाखे बेचे जा सकेंगे। इसके साथ ही ऑनलाइन
पटाखों की बिक्री पर भी रोक लगा दी गई है।
स्त्रोत :वन इंडिया
शर्तों के साथ कोर्ट ने दी मंजूरी
पटाखे में हानिकारक केमिकल नहीं होने चाहिए। समय वाली बाध्यता पूरे देश में
लागू होगी। आदेश पर अमल करने के लिए हर इलाके के SHO जवाबदेह होंगे, आदेश
का पालन नहीं होने की स्थिति में SHO को निजी तौर पर कोर्ट की अवमानना का
दोषी माना जाएगा। इसके पहले सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र
सरकार ने देशभर में पटाखों के बैन की मांग को विरोध किया था।
पिछले साल दिवाली पर बैन किए गए थे पटाखे
केंद्र ने कोर्ट में कहा कि पटाखों के उत्पादन को लेकर नियम को बेहतर बनाने
की जरूरत है। एल्युमिनियम-बेरियम जैसी सामग्री का इस्तेमाल रोकना होगा।
जबकि पटाखा उत्पादक और विक्रेताओं ने भी सुप्रीम कोर्ट से कहा कि बिना किसी
ठोस वैज्ञानिक रिसर्च के पिछले साल दिल्ली में पटाखों की बिक्री रोक दी गई
थी। इससे लाखों लोगों का रोजगार प्रभावित हुआ था। उन्होंने दलील दी कि
प्रदूषण के लिए पटाखों से ज्यादा कई अन्य चीजें जिम्मेदार हैं।


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