हनुमानगढ़।
टाउन बरकत कालोनी के
वार्डवासियों व कुम्हार समाज
के लोगों ने गुरूवार को
जिला कलक्टर को नगरपरिषद हनुमानगढ़
द्वारा कच्ची बस्ती सर्वे के तहत भूखण्ड
का नियमन नही करने के
संबंध में ज्ञापन सौंपा।
ज्ञापन के अनुसार टाउन
में कुम्हार समाज के लगभग
200 से अधिक परिवार निवास
कर रहे है जो
कि गत 50 वर्षो से रह रहे
है। उन भुखण्डों में
कुछ भुखण्डों का नियमन हो
चुका है बाही सभी
परिवार भूखण्ड नियमन हेतु कई बार
अवेदन कर चुके है
परन्तु नगरपरिषद द्वारा इन भुखण्डों का
नियमन नही किया जा
रहा है जबकि वर्ष
1988 की कच्ची बस्ती सर्वे सूची में नाम
दर्ज है। लेकिन नगरपरिषद
हनुमानगढ़ द्वारा भूखण्डों का नियमन जोहड
पायदान व प्लानिंग एरिया
में बताकर आवेदन निरस्त कर दिया जाता
है। वार्डवासियों ने बताया कि
50 वर्ष पूर्व बरकत कालोनी में
ईट भट्ठे होते थे जो
कि मूलाराम कुम्हार के व्यक्ति के
थे। इन ईट भटटो
पर कुम्हार समाज के लोग
काम करते थे। समय
के साथ साथ्ज्ञ ईट
भटटा समाप्त होने लग गए
औश्र समाज के लोग
ईट भटठे के स्थान
पर रहते थे वही
अपना आवास बनाकर रहने
लग गए। बाकी बची
हुई भूमि पर शहर
का गंदा पानी ईटठा
होने लगा जिसका कि
समाज के लोगों ने
विरोध नही किया क्योकि
शहर का पानी निकलने
के लिये कोई ना
कोई जगह तो होनीचाहिए
और हम लेागों को
बिना जानकारी के नगरपरिषद ने
उसी पानी वाली जगहों
में कई लोगों को
प्लाट आवंटित कर दिए जिसके
विरूद्ध हम लोगों ने
कोर्ट में केस दर्ज
कराया जो कोर्ट ने
नगरपरिषद को आदेशित किया
कि यदि प्रार्थीगण नियमन
की सारी शर्ते पूरी
करे तो इनका नियमानुसार
पटा जारी किया जाये
परन्तु कोर्ट के उस आदेश
की आज भी अवहेलना
की जा रही है
और 30 सितम्बर को 21 जनों को नोटिस
देकर अतिक्रमण हटा लेने की
चेतावनी दी। वार्डवासियों ने
बताया कि नगरपरिषद ने
मकान तोडने के लिये वार्डवासियों
को पाबन्द किया है जब
कि यह कुम्हार समाज
का भूखण्ड पर स्वयं का
कब्जा है। सभी कुम्हार
समाज के पास कब्जाधारी
भूखण्ड से संबंधित सभी
दस्तावेज है और 1988, 1993, 2003, 2008, 2013 की सर्वे सूची,
मतदाता सूची, बिजली व पानी के
बिल, जाति व मूलनिवास
प्रमाण पत्र व अन्य
दस्तावेज भी उपलब्ध है।
वार्डवासियों ने मांग कि
है कि मौका मुआयना
जांच कर सभी दस्तावेजों
को देखकर न्याय दिलवाने की मांग की
है। इस मौके पर
दीपचंद, दीपक सैनी, अरविन्द
शर्मा, अलादीन, सतीश, सोमदेव, दीपक, राधा देवी व
अन्य वार्डवासी मौजूद थे।
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