Dussehra 2018: जानिए क्यों मनाते हैं दशहरा और क्या है रावण दहन का शुभ मुहूर्त
बुराई पर अच्छाई का प्रतीक दशहरा पर्व 19 अक्टूबर को है,
धार्मिक उल्लास के साथ मनाई गई दुर्गा पूजा के बाद अब विजयदशमी यानी दशहरे
के लिए पूरा देश तैयार है। दशहरे के मद्देनजर देश भर में सुरक्षा के
पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। इस मौके पर रावण दहन अलग-अलग जगहों में अलग अलग
तरीकों से किया जाता है।
कलम दावत के पूजन का भी है महत्व
शुभ मुहूर्त
विजयदशमी पूजन का मुहूर्त
08:20 से 10:30 बजे तक लग्न पूजन
11:24 से 12:32 बजे तक अभिजीत मूहूर्त
दहन का शुभ मुहूर्त:- शुक्रवार को दोपहर 2.57 बजे से शाम 4.17 बजे
दशहरे के दिन ही मां ने महिषासुर का वध किया था
मां दुर्गा ने महिषासूर से लगातार नौ दिनो तक युद्ध करके दशहरे के दिन ही
उसका वध किया था। इसीलिए नवरात्रि के बाद इसे दुर्गा के नौ शक्ति रूप के
विजय-दिवस के रूप में विजया-दशमी के नाम से मनाया जाता है।
क्या है दशहरे का मतलब?
जबकि भगवान श्रीराम ने नौ दिनो तक रावण के साथ युद्ध करके दसवें दिन ही
रावण का वध किया था, इसलिए इस दिन को भगवान श्रीराम के संदर्भ में भी
विजय-दशमी के रूप में ही मनाते हैं। साथ ही इस दिन रावण का वध हुआ था,
जिसके दस सिर थे, इसलिए इस दिन को दशहरा यानी दस सिर वाले के प्राण हरण
होने वाले दिन के रूप में भी मनाया जाता है
कलम दावत के पूजन का भी है महत्व
कुछ समुदाय विशेषकर कायस्थ जो महाराज चित्रगुप्त के वंशज मने जाते है इस दिन कलम दावत की पूजा भी करते हैं |

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