हनुमानगढ़। पंजाब क्षेत्र में गंगनहर में अवैध पाइपे लगाकर पानी चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में गंगनहर के रेगुलेशन में पारदर्शिता बरतने की मांग को लेकर बुधवार को गंगनहर क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने जल संसाधन उत्तरखंड हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता केएल जाखड़ से वार्ता की। गंगानहर किसान समिति के बैनर तले मुख्य अभियंता से मिले किसानों ने बताया कि 24 सितंबर को पंजाब में फाजिल्का जिले के घट्टियांवाली बोदला गांव के पास गंगनहर में करीब 70 फीट कटाव आया था। यह सब गंगनहर की पटड़ी में लगी अवैध पाइपों के कारण हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग ने पंजाब के किसानों को 15 हजार रूपये लेकर पाइप लगाने की स्वीकृति दे रखी है, यही नहीं कि पंजाब सरकार ने बकायदा बिजली कनेक्शन दे रखे हैं। पटरी में सैकड़ों ट्यूब लगे हुए हैं। पंजाब के किसानों ने गंगनहर के नजदीक राजस्थान की जगह पर मोटरे लगा रखी है। गंगनहर क्षेत्र के किसानों के पानी पंजाब का किसान डाका डाल रहा है और चावल की खेती की जा रही है। समिति संयोजक रणजीत सिंह राजू ने बताया कि घट्टियावाली बोदला गांव के पास नहर टूटने के बाद गंगनहर क्षेत्र के करीब 50-60 किसान एकत्रित होकर मौके पर गए तो देखा कि गंगनहर की पटडी में जगह जगह पर लगी हुई है। इसके जरिए पानी चोरी किया जा रही है। लेकिन न तो राजस्थान और न ही पंजाब का सिंचाई विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है। उन्होंने बताया कि मौके पर गए किसानों ने गंगनहर की बुर्जी संख्या 254 से लेकर 282 तक पटड़ी पर लगी हुई करीब 50-60 पाईपे उखाड़ी थी। इसके बाद पंजाब सरकार भी हरकत में आई और कुछ पाइपों को पंजाब के सिंचाई विभाग ने उखाड़ दिया। लेकिन गंगनहर की एक पटडी से ही पाईपें उखाडी गई है। अभी भी दूसरी पटरी पर हजारों अवैध लगी हुई है और राजस्थान के किसानों के पानी की चोरी हो रही है। समिति अध्यक्ष गुरबचन सिंह कंग ने जल संसाधन विभाग की ओर से किए जाने वाले रेगुलेशन में भी गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि पिछले वर्ष विभाग ने 20 जून से लेकर 20 सितंबर तक गंगनहर के लिए 3 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी शेयर निर्धारित किया था, लेकिन इस बार इसमें कटौती कर मात्र 1 लाख 17 हजार क्यूसेक ही निर्धारित किया है। विभाग भी मानता है कि गंगनहर के शेयर में कटौती की गई है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक गंगनहर के शहर करीब 34000 क्यूसेक पानी कम किया गया है। उन्होंने कहा कि आरडी 45 से गंगनहर में 2500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है लेकिन उनके पास मात्र 1800 क्यूसेक पानी ही पहुंचता है। शेष पानी को पंजाब के किसान चोरी कर रहे हैं। उन्होंने गंगनहर की दोनों पटरियों पर लगी अवैध पाइपें ट्यूबवैल हटवाने, दोनों पटडिय़ों केा साफ करवाने, रेग्यूलेशन निर्धारण में पारिदर्शिता बरते की मांग की। इस मौके पर विक्रमजीत सिंह, मनजिंदर सिंह मान, गुरुचरण सिंह खोसा, निशान हुंदल, शीशपाल सिंह, गुरदीप सिंह, मंगा सिंह ,सुखविंदर सिंह ,रघुवीर सिंह ,हरजिंदर सिंहसहित गंग नहर के कई किसान मौजूद थे।
हनुमानगढ़। पंजाब क्षेत्र में गंगनहर में अवैध पाइपे लगाकर पानी चोरी करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में गंगनहर के रेगुलेशन में पारदर्शिता बरतने की मांग को लेकर बुधवार को गंगनहर क्षेत्र के दर्जनों किसानों ने जल संसाधन उत्तरखंड हनुमानगढ़ के मुख्य अभियंता केएल जाखड़ से वार्ता की। गंगानहर किसान समिति के बैनर तले मुख्य अभियंता से मिले किसानों ने बताया कि 24 सितंबर को पंजाब में फाजिल्का जिले के घट्टियांवाली बोदला गांव के पास गंगनहर में करीब 70 फीट कटाव आया था। यह सब गंगनहर की पटड़ी में लगी अवैध पाइपों के कारण हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि सिंचाई विभाग ने पंजाब के किसानों को 15 हजार रूपये लेकर पाइप लगाने की स्वीकृति दे रखी है, यही नहीं कि पंजाब सरकार ने बकायदा बिजली कनेक्शन दे रखे हैं। पटरी में सैकड़ों ट्यूब लगे हुए हैं। पंजाब के किसानों ने गंगनहर के नजदीक राजस्थान की जगह पर मोटरे लगा रखी है। गंगनहर क्षेत्र के किसानों के पानी पंजाब का किसान डाका डाल रहा है और चावल की खेती की जा रही है। समिति संयोजक रणजीत सिंह राजू ने बताया कि घट्टियावाली बोदला गांव के पास नहर टूटने के बाद गंगनहर क्षेत्र के करीब 50-60 किसान एकत्रित होकर मौके पर गए तो देखा कि गंगनहर की पटडी में जगह जगह पर लगी हुई है। इसके जरिए पानी चोरी किया जा रही है। लेकिन न तो राजस्थान और न ही पंजाब का सिंचाई विभाग कोई कार्यवाही कर रहा है। उन्होंने बताया कि मौके पर गए किसानों ने गंगनहर की बुर्जी संख्या 254 से लेकर 282 तक पटड़ी पर लगी हुई करीब 50-60 पाईपे उखाड़ी थी। इसके बाद पंजाब सरकार भी हरकत में आई और कुछ पाइपों को पंजाब के सिंचाई विभाग ने उखाड़ दिया। लेकिन गंगनहर की एक पटडी से ही पाईपें उखाडी गई है। अभी भी दूसरी पटरी पर हजारों अवैध लगी हुई है और राजस्थान के किसानों के पानी की चोरी हो रही है। समिति अध्यक्ष गुरबचन सिंह कंग ने जल संसाधन विभाग की ओर से किए जाने वाले रेगुलेशन में भी गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए बताया कि पिछले वर्ष विभाग ने 20 जून से लेकर 20 सितंबर तक गंगनहर के लिए 3 लाख 20 हजार क्यूसेक पानी शेयर निर्धारित किया था, लेकिन इस बार इसमें कटौती कर मात्र 1 लाख 17 हजार क्यूसेक ही निर्धारित किया है। विभाग भी मानता है कि गंगनहर के शेयर में कटौती की गई है। विभागीय आंकड़ों के मुताबिक गंगनहर के शहर करीब 34000 क्यूसेक पानी कम किया गया है। उन्होंने कहा कि आरडी 45 से गंगनहर में 2500 क्यूसेक पानी छोड़ा जाता है लेकिन उनके पास मात्र 1800 क्यूसेक पानी ही पहुंचता है। शेष पानी को पंजाब के किसान चोरी कर रहे हैं। उन्होंने गंगनहर की दोनों पटरियों पर लगी अवैध पाइपें ट्यूबवैल हटवाने, दोनों पटडिय़ों केा साफ करवाने, रेग्यूलेशन निर्धारण में पारिदर्शिता बरते की मांग की। इस मौके पर विक्रमजीत सिंह, मनजिंदर सिंह मान, गुरुचरण सिंह खोसा, निशान हुंदल, शीशपाल सिंह, गुरदीप सिंह, मंगा सिंह ,सुखविंदर सिंह ,रघुवीर सिंह ,हरजिंदर सिंहसहित गंग नहर के कई किसान मौजूद थे।
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