हनुमानगढ़। राजस्थान एकाउटेन्टस एसोसिएशन के प्रदेश स्तरीय आह्वान पर हनुमानगढ़ जिले के लेखाकर्मीयो द्वारा शुरू किया गया सामूहिक अवकाश तीसरे दिन भी जारी रहा।गुरुवार को लेखाकर्मियों ने पेंशनर हॉल के बाहर सामूहिक अवकाश पर रहते हुए धरने पर बैठे रहे। राज्य के लेखाकर्मी अपनी 6 सुत्री मांगों तथा कनिष्ठ लेखाकार को ग्रेड पे 4200 स्वीकृत करने, कनिष्ठ लेखाकार का नाम कनिष्ठ लेखाधिकारी करने, अधीनस्थ लेखा संवर्ग में द्विस्तरीय प्रणाली, राज्य लेखा सेवा में पदोन्नति द्वारा 50 प्रतिशत पद भरने व अन्य मांगों पर पिछले कुछ वर्षो से आन्दोलनरत है तथा राज्य सरकार के विभिन्न स्तरों पर जैसे मंत्री मण्डलीय उपस्थिति वित्त सचिव व सांवत कमेटी द्वारा सिद्धांतत: स्वीकृत किया जा चुका है। उसके उपरांत भी इसका क्रियान्वयन नही हो पा रहा है। जिसके कारण लेखाकर्मियों को मजबूरन आन्दोलित होना पड़ रहा है। इस मौके पर जिला मंत्री भवानी शंकर शर्मा, अशोक कुमार गांधी दिनेश कुलडिया, सतपाल जाखड़, वीरेंद्र पाठक, पृथ्वी सिंह शेखावत, संजय बिश्नोई ,जगदीश प्रसाद, अनिल जाखड़, विजय सहारण आदि संगठन सदस्य मौजूद थे।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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