हनुमानगढ़। राजस्थान पंचायतीराज सेवा परिषद जयपुर ने मुख्य सचिव राजस्थान सरकार व मुख्यमंत्री के नाम जिला कलक्टर को राजस्थान पंचायतीराज सेवा परिषद के साथ शासन द्वारा किये गये 9 लिखित समझौतों को लागू करने के संदर्भ में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन से पूर्व टाउन पंचायत समिति से वाहन रैली निकाली गई जो टाउन व जंक्शन के मुख्य मुख्य मार्गो से होती हुई जंक्शन जिला कलैक्ट्रैट पहुची जिसके पश्चात कलैक्ट्रैट पर प्रदर्शन कर जिला कलक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के अनुसार मुख्य मांगों में राजस्थान ग्रामीण विकास राज्य सेवा की कैडर संरचना निर्धारित करने हेतु विभिन्न स्केल के पदों को निश्चित कर उन पदों को निश्चित कर उन पदों पर पदौन्नति दी जो, ग्राम विकास अधिकारी का ग्रेड पे पांचवें व छठे वेतनमान की विसंगति दूर कर 3600 की स्वीकृति प्रदान कर्रा जाये, राजस्थान ग्रामीण विकास सेवा के 25 प्रतिशत पद ग्राम विकास अधिकारियों को तृतीय पदोन्नति का अवसर प्रदान करने हेतु आरक्षित किया जाये, ग्राम विकास अधिकारियों के द्वितीय पदौन्नति पद सहायक सचिव का पद नाम अतिरिक्त विकास अधिकारी कर इस पद को राजपत्रित अधिकारी धोषित किया जाये, कृषि योग्याताधारी ग्राम विकास अधिकारियों को सहायक कृषि अधिकारी के पद पर लम्बित पदौन्नति की जाये एवं ग्राम विकास अधिकारियों के लिये आरक्षित 5 प्रतिशत पद को समाप्त करने के निर्णय को अपास्त किया जाये, ग्राम विकास अधिकारी का चार्ज अन्य संवर्गो को देने के विभागीय आदेशों को प्रत्याहारित कर ग्राम विकास अधिकारी का चार्ज ग्राम विकास अधिकारी को ही दिया जाये, डीआरडीए कार्मिकों को ग्राम विकास अधिकारी पद पर पुनर्नियुक्ति तिथि से समायोजित कर नियमित वेतन श्रृंखला प्रदान की जाये, ग्राम विकास अधिकारी के पद पर समायोजित कार्मिकों के आधिक्य वेतन वसूूली प्रकरणों में वित्त विभाग के आदेश की पालना सुनिश्चित करावे एवं राजकुमार बनाम सरकार के केस में पारित निर्णय की अनुपालना में रीम इन ऑडर जारी किया जाये। ज्ञापन देने वालों में जिलाध्यक्ष नरेश शर्मा, रमेश खटोतिया, दलीप आरपीएसआई, हुक्म सिंह, श्यामसुन्दर मूण्ड, अनिल कुमार, गीता देवी, रानो चोधरी, जयसिंह सेवदा, बनवारी लाल सुथार, रधुवीर गोदारा, दयालाराम व अन्य कर्मचारी मौजूद थे।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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