हनुमानगढ़। किसानों के मसीहा पूर्व उपप्रधानमंत्री जननायक चौधरी देवीलाल का जन्मदिन किसान दिवस के रूप में जंक्शन के जाट भवन परिसर में मनाया गया। जयंती समारोह में सभी सदस्यों, किसानों व जाट समाज के लोगेां ने चौधरी देवीलाल के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर उनके दिखाये मार्गदर्शन पर चलने का संकल्प लिया। इस मौके पर किसान भूप राहड़ व भानीराम मूण्ड ने चौधरी देवीलाल की जीवनी पर प्रकाश डालते हुये कहा कि इन्होने हमेशा गरीब, मजदूर, किसानों के उत्थान के लिये संघर्षशील रहे, गांवों के विकास के लिये अलग से ग्रामीण विकास मंत्रालय का गठन, अलग से बजट का प्रावधान, जनहित में अनेक कार्य चौधरी देवीलाल की देन है। उन्होने बताया कि चौधरी देवीलाल अपने आप में एक विश्वविद्यालय थे, इनके सानिध्य में अनेक नेता हुये, जो आज केन्द्र व राज्य स्थापित है। इस मौके पर सुरेश चाहर, संजय जाखड़, फताराम जाखड़, भूप सिंह राहड़, इन्द्राज मूण्ड, महेन्द्र मूण्ड, साहबराम मूण्ड, महेन्द्र मूण्ड,ओमप्रकाश पूनिया, राजेन्द्र मूण्ड, राजीव खिचड़ व अनय सदस्य मौजूद थे।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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