हनुमानगढ़। राजस्थान रोड़वेज संयुक्त संघर्ष समिति आगार कमेटी हनुमानगढ़ आगार के समस्त कर्मचारियों का 11 दिन चक्काजाम जारी रहा। गुरूवार को समस्त कर्मचारियों द्वारा रोड़वेज बस डिपों से विशाल रोष रैली निकाली गई। रैली रोडवेज डिपों से शुरू होकर लाल चौक होते हुये जिला कलैक्ट्रैट पर पहुचकर प्रदर्शन किया गया और जिला कलक्टर को मुख्यमंत्री व परिवहन मंत्री के नाम रोड़वेज कर्मचारियों द्वारा चल रही अनिश्चिकालीन हड़ताल के कारण रोड़वेज को प्रतिदिन हो रहे नुकसान व यात्रियों को हो रही परेशानियों के निराकरण बाबत ज्ञापन सौंपा। कर्मचारी नेता नायब सिंह व विक्रांत सहारण ने बताया कि रोड़वेज कर्मचारियों को 27 जुलाई 2018 को समझौता लागू करवाने के लिये सरकार को हड़ताल का नोटिस देकर 17 सितम्बर 2018 से रोड़वेज कर्मचारी हड़ताल पर है और आज 11 वें दिन तक रोड़वेज कर्मचारियों की कोई सुनवाई नही की गई है। इस कारण रोड़वेज में यात्रा करने वाले यात्रियों, महिलाओं व रियायती तथा नि:शुल्क यात्रा करने वाले सभी प्रकार के यात्रियों को अवैध व लोक परिवहन बसों में सफर करना पड़ता है। उक्त बसों के मालिक यात्रियों से दो से पांच गुणा किराया रोडऋवेज से अधिक वसूल कर रहे है व ओवर लोड़ चलाकर दुर्घटनाएं भी हो रही है जिससे जान व माल का नुकसान हो रहा है। इस प्रदर्शन में रोड़वेज कर्मचारी व राज्य कर्मचारी, एसएफआई, एनएसयूआई तथा जिले के गणमान्य नागरीकों ने समर्थन दिया है और रोड़वेज कर्मचारियों की मांगों को पूरा करने की मांग की है। ज्ञापन देने आये सभी समर्थन देने वाले संघों व नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को जल्द ही नही माना गया तो अवैध चल रही बसों व लोक परिवहन बसों को उक्त नागरिकों द्वारा सडक़ों पर रोका जायेगा जिसकी जिम्मेवारी प्रशासन की होगी। इस मौके पर सुमन चावला, महावीर जोशी, रामेश्वर वर्मा, सुरेन्द्र दादरी, सतवीर गोस्वामी, नायब सिंह, शकुन्तला देवी, विक्रांत सहारण, देवीलाल स्वामी, रामकुमार कामरेड़, उदयपाल सारस्वत, पृथ्वी महला, मनोज सैनी, भगत सिंह, सुनिल स्याग, विकेश स्वामी, लियाकत अली, राजेश नेहरा, कुलदीप सिंह व अन्य कर्मचारी व नागरीक मौजूद थे।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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