हनुमानगढ़। ग्राम पंचायत फेफाना के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलक्टर को सैकड़ों वर्ष पुरानी खण्डरनूमा बिल्डिंग को सार्वजनिक घोषित करने बाबत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 100 वर्ष पूर्व ग्रामवासियों व अन्य लोगों द्वारा ग्रामवासियों की इच्छा से एक धर्मशाला का निर्माण किया गया था उस समय पैदल यात्री ऊटगाडी व घोडागाडी से सफर करते थे उन लोगों विश्राम के लिए ग्राम पंचायत फैफाना की धर्मशाला में लोग आराम के लिये ठहरते थे व अपने पशु बांधकर रात्री आराम करते थे। जबसे ग्राम पंचायत का गठन हुआ है व तबसे ग्राम पंचायत व ग्राम के मौजीज व्यक्तियों द्वारा उक्त धर्मशाला की सार सम्भाल की जा रही है। सैकड़ों वर्ष पुरानी बिल्डिंग होने के कारण यह धर्मशाला अब खण्डर हो चुकी है। जो कि गांव के बीचों बीच है उक्त धर्मशाला के उत्तर दिशा में धर्मशाला व मार्केट है व दक्षिण दिशा में चिपते ही कन्या विद्यालय स्थित है व पूर्व दिशा में फैफाना से माघोसिंघाना रोड़ है जिस पर लोगों का काफी आवागमन रहता है व इस धर्मशाला के पश्चित दिशा में घनी आबादी है। उक्त धर्मशाला की दीवारों वमकानों की उंचाई ज्यादा है इसलिए खण्डहर होने के कारण इसके गिरने सम्भावना बनी रहती है। उक्त धर्मशाला के नजदीक राउमावि व राजप्रावि व अटल सेवा केन्द्र ग्राम पंचायत फैफाना व जोहड़ इस कारण यहां पर विद्यार्थियों व लोगों का आवागमन बना रहता है। ग्रामवासियों को हर वक्त यह भय बना रहता है कि कही कोई अप्रिय घटना न हो जाये। छोटे बच्चे उक्त जगह सुनी होने के कारण शोच के लिये व खेलेन आदि के लिये रोकने के बावजूद भी चले जाते है। ग्रामवासियों ने मांग कि है कि उक्त जगह को सार्वजनिक घोषित कर उक्त खण्डरहरनूमा बिल्डिंग का मलबा हटाया जाये। उन्होने मांग की है कि यह भुमि ग्राम पंचायत को सौपी जाये अन्यथा यहां कोई सार्वजनक धर्मशाला का निर्माण करवाया जाये जिसे सर्वसमाज आवश्यकता अनुसार उपयोग में ले सके। ज्ञापन देने वालों में धर्मेन्द्र सुथार, सज्जन सहारण, देवीलाल सिहाग, सन्तलाल हुडा, प्रदीप बिजारणियां, हरचंद बेनीवाल, शेरसिंह कुकणा, लीलाधर गोदारा, फरमाराम जाखड़, रामकुमार जाखड़, रमजान खान, राजेन्द्र दुसाद, ओमप्रकाश गोदारा व अन्य ग्रामवासी मौजूद थे।
हनुमानगढ़। ग्राम पंचायत फेफाना के ग्रामीणों ने मंगलवार को जिला कलक्टर को सैकड़ों वर्ष पुरानी खण्डरनूमा बिल्डिंग को सार्वजनिक घोषित करने बाबत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के अनुसार ग्रामीणों ने बताया कि लगभग 100 वर्ष पूर्व ग्रामवासियों व अन्य लोगों द्वारा ग्रामवासियों की इच्छा से एक धर्मशाला का निर्माण किया गया था उस समय पैदल यात्री ऊटगाडी व घोडागाडी से सफर करते थे उन लोगों विश्राम के लिए ग्राम पंचायत फैफाना की धर्मशाला में लोग आराम के लिये ठहरते थे व अपने पशु बांधकर रात्री आराम करते थे। जबसे ग्राम पंचायत का गठन हुआ है व तबसे ग्राम पंचायत व ग्राम के मौजीज व्यक्तियों द्वारा उक्त धर्मशाला की सार सम्भाल की जा रही है। सैकड़ों वर्ष पुरानी बिल्डिंग होने के कारण यह धर्मशाला अब खण्डर हो चुकी है। जो कि गांव के बीचों बीच है उक्त धर्मशाला के उत्तर दिशा में धर्मशाला व मार्केट है व दक्षिण दिशा में चिपते ही कन्या विद्यालय स्थित है व पूर्व दिशा में फैफाना से माघोसिंघाना रोड़ है जिस पर लोगों का काफी आवागमन रहता है व इस धर्मशाला के पश्चित दिशा में घनी आबादी है। उक्त धर्मशाला की दीवारों वमकानों की उंचाई ज्यादा है इसलिए खण्डहर होने के कारण इसके गिरने सम्भावना बनी रहती है। उक्त धर्मशाला के नजदीक राउमावि व राजप्रावि व अटल सेवा केन्द्र ग्राम पंचायत फैफाना व जोहड़ इस कारण यहां पर विद्यार्थियों व लोगों का आवागमन बना रहता है। ग्रामवासियों को हर वक्त यह भय बना रहता है कि कही कोई अप्रिय घटना न हो जाये। छोटे बच्चे उक्त जगह सुनी होने के कारण शोच के लिये व खेलेन आदि के लिये रोकने के बावजूद भी चले जाते है। ग्रामवासियों ने मांग कि है कि उक्त जगह को सार्वजनिक घोषित कर उक्त खण्डरहरनूमा बिल्डिंग का मलबा हटाया जाये। उन्होने मांग की है कि यह भुमि ग्राम पंचायत को सौपी जाये अन्यथा यहां कोई सार्वजनक धर्मशाला का निर्माण करवाया जाये जिसे सर्वसमाज आवश्यकता अनुसार उपयोग में ले सके। ज्ञापन देने वालों में धर्मेन्द्र सुथार, सज्जन सहारण, देवीलाल सिहाग, सन्तलाल हुडा, प्रदीप बिजारणियां, हरचंद बेनीवाल, शेरसिंह कुकणा, लीलाधर गोदारा, फरमाराम जाखड़, रामकुमार जाखड़, रमजान खान, राजेन्द्र दुसाद, ओमप्रकाश गोदारा व अन्य ग्रामवासी मौजूद थे।
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