हनुमानगढ़ 1 नवम्बर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी संगरीया द्वारा गुरूवार को जिला पुलिस अधीक्षक अनिल कयाल को सोशन मीडिया पर फर्जी लेटर वायरल करने वालों के विरूद्ध मुकदमा दर्ज करने बाबत ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के अनुसार हाल ही में सोशल मीडिया के व्हाट्सएप और फेसबुक पर कुछ असामाजिक तत्वों ने एक जाली लेटर वायरल किया है। जिसमें प्रदेश कांग्रेस कमेटी सदस्य शबनम गोदारा के सरपंच रहते हुये उन पर कथित भ्रष्टाचार और उनके जेल जाने संबंधी बातें लिखी गई है। उक्त फर्जी पत्र में लिखा गया है कि 14 मार्च 1998 को श्रीमती शबनम गोदारा को सरपंच पद से निलंबित किया गया और घटनाक्रम 13 जनवरी 1998 का बताया गया है। विरोधियों द्वारा षडय़ंत्र कर योजनाबद्ध तरीके से सोशल मीडिया पर शबनम गोदारा को अपमानित व बदनाम करने के मिथ्या आरोप गढकर, फर्जी व कूटरचित तरीके से तैयार कागजात डालकर प्रसारित किया गया है, जो जांच के योग्य है। उल्लेखनीय है कि शबनम गोदारा वर्ष 2000 में ग्राम पंचायत की सरपंच निर्वाचित हुई थी। उनका कार्यकाल वर्ष 2000 से 2005 तक रहा है। इस दौरान उल्लेखनीय विकास कार्यो और उपलब्धियों के लिए उन्हे सरकार द्वारा प्रशस्ति पत्र भी हासिल है। अपने कार्यकाल में उन पर किसी तरह का आरोप नही लगा। कुछ लोग राजनीतिक रंजिशपूर्व प्रदेश कांग्रेस कमेटी की सदस्य शबनम गोदारा की छबि को धूमिल करने के उद्देश्य से ऐसी हरकत कर रहे है जिससे संगरिया विधानसभा क्षेत्र के कांग्रेसजनों को कड़ा रोष व्याप्त है। श्रीमती शबनम गोदारा 2013 में संगरिया विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस की प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुकी है इससे पहले वे 2010 में हनुमानगढ़ जिले की उपजिला प्रमुख चुनी गई। शबनम गोदारा विभिन्न समाजिक और राजनीतिक गतिविधियों में सक्रिय है अपने अभियानों को लेकर उन्हे संयुक्त राष्ट्र संघ तक से पुरूस्कृत किया जा चुका है। शबनम गोदारा के खिलाफ कोई मुकदमा दर्ज नही है और उनका उनके परिवार को कोई अपराधिक रिकॉर्ड भी नही है। उक्त लेटर को सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म पर वायरल किए जाने से उनकी छवि को आघात पहुचां है। इस लेटर में मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषदहनुमानगढ़ व अन्य अधिकारियों के पदनाम व मोहर का भी दुरूपयोग किया गया है। सभी कांग्रेसजनों ने मांग की है कि ऐसा करने वाले असामाजिक तत्वों के खिलाफ सरकारी कार्यालयों के मोहर व फर्जी हस्ताक्षर करने, सोशल मीडिया पर गतिरोध व तनाव पैदा करने सहित समाज का माहौल खराब करने के आरोपों में विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर सख्त कार्यवाही की जाये। ज्ञापन देने वालों में नगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजेश डोडा, ब्लॉक कांग्रेस के संगठन महामंत्री रविंद्र भोबिया, विधि सलाहकार एडवोकेट गुरविंदर सिंह राजपाल, जिला कांग्रेस कमेटी के महासचिव ओम प्रकाश छाबड़ा, हंसराज वर्मा, सूरजभान भोबिया, पूर्व सरपंच महेंद्र भाकर, गुरसाहब दंदीवाल, गौतम गोदारा, रविंद्र गोदारा, ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के राहुल गर्ग, जेपी भादू, सुनील गोदारा विजय मंडल हरिभगत जांदू, देवेंद्र सिंह सिसोदिया, रवि शर्मा, महेश गौड़, सुरेंद्रमोहन गोदारा, रविंद्र मील, प्रवक्ता सुनील बुडानिया, एडवोकेट सुरेंद्र सूच, मनीष जैन, रवि अरोड़ा, प्रेम नागपाल, राजकुमार कमीरिया, देशराज बाजीगर, राधेश्याम गोदारा, बब्बू बंसल, प्रवीण बिश्नोई, ऋषि गोस्वामी, राहुल गुलाटी, सहित संगरिया विधानसभा क्षेत्र के बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता शामिल हुए।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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