श्रीगंगानगर 21 नवंबर यूँ तो पिछले पांच वर्ष, एक बार फिर श्रीगंगानगर के लिए दुर्भाग्यशाली रहे हैं | जहाँ एक और ज़मींदारा पार्टी ने अपने धनबल और ग्वार के व्यवसाय की चमक से किसानों ,व्यापारियों और हर वर्ग को अपनी और आकर्षित कर ज़िले का प्रतिनिधित्व करने का बीड़ा उठाया था ,पर राजनीति की बिसात ने शतरंज बिछाई की राज्य में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गयी |, जिसमे यहाँ से निर्वाचित कामिनी जिंदल एक अमीर जनप्रतिनिधि होते हुए भी श्रीगंगानगर से जुड़े कई विकास कार्य जिनमें मेडिकल कॉलेज का निर्माण ,नहरों में साफ़ व समय पर पानी ,आम आदमी की सुरक्षा , मध्यम व मजदूर वर्ग की समस्याओं से ज़िले को राहत नहीं दिलवा सकीं |
इसी बीच एक बार फिर राजस्थान विधानसभा चुनाव सिर पर हैं ,पर अब जनता की बारी है | वही असली किंगमेकर है | अब जिम्मेदारी जनता की है की वे अपने वोट के तराज़ू में किसे तोलते हैं ?प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार व नीतियों से त्रस्त और दुखी रहा है | चाहें वो किसान हो ,कर्मचारी ,व्यापारी ,मजदूर नौकरीपेशा ,गृहणियाँ ,बेरोज़गार युवा ,पढ़ने वाले व आँखों में अच्छे करियर निर्माण का सपना संजोये छात्र -छात्राएं ही क्यों न रही हों | सभी वर्ग की आशाओं के विपरीत ही हमारे आस पास की परिस्थितियां रहीं हैं |
आसमान छूती महंगाई ने जहाँ एक ओर आम आदमी के मासिक बजट और जेब पर चोट की वहीँ दूसरी ओर पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने आग में घी डालने का काम सभी जगह किया है | इन्ही कारणों से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने की प्रबल संभावनाओं ने जोर पकड़ा है |
अब जनता ने श्रीगंगानगर में विधायक और राज्य में बनने वाली सरकार की कड़ी को मजबूत कर एक ठोस जनादेश देने का काम करना है | जनता अगर सत्ता के पद लोभियों से हमारे ज़िले को बचा पायेगी तो ही विकास की धारा में अपना अमिट योगदान दे पायेगी | नहीं तो,हर बार की तरह पंचवर्षीय कार्यकाल नौ दिन चले अढ़ाई कोस जैसा फ्लॉप होगा |
इसी बीच एक बार फिर राजस्थान विधानसभा चुनाव सिर पर हैं ,पर अब जनता की बारी है | वही असली किंगमेकर है | अब जिम्मेदारी जनता की है की वे अपने वोट के तराज़ू में किसे तोलते हैं ?प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार व नीतियों से त्रस्त और दुखी रहा है | चाहें वो किसान हो ,कर्मचारी ,व्यापारी ,मजदूर नौकरीपेशा ,गृहणियाँ ,बेरोज़गार युवा ,पढ़ने वाले व आँखों में अच्छे करियर निर्माण का सपना संजोये छात्र -छात्राएं ही क्यों न रही हों | सभी वर्ग की आशाओं के विपरीत ही हमारे आस पास की परिस्थितियां रहीं हैं |
आसमान छूती महंगाई ने जहाँ एक ओर आम आदमी के मासिक बजट और जेब पर चोट की वहीँ दूसरी ओर पेट्रोल की बढ़ती कीमतों ने आग में घी डालने का काम सभी जगह किया है | इन्ही कारणों से कांग्रेस पार्टी की सरकार बनने की प्रबल संभावनाओं ने जोर पकड़ा है |
अब जनता ने श्रीगंगानगर में विधायक और राज्य में बनने वाली सरकार की कड़ी को मजबूत कर एक ठोस जनादेश देने का काम करना है | जनता अगर सत्ता के पद लोभियों से हमारे ज़िले को बचा पायेगी तो ही विकास की धारा में अपना अमिट योगदान दे पायेगी | नहीं तो,हर बार की तरह पंचवर्षीय कार्यकाल नौ दिन चले अढ़ाई कोस जैसा फ्लॉप होगा |
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