श्रीगंगंगानगर 3 अगस्त
आई बी सी फ़ास्ट संवाददाता
पूर्व से लेकर पश्चिम तक जो खेल कच्चे तेल पर चल रहा है उस से आप और हम अनजान नहीं हैं | हमारी सरकारें भी हर दैनिक उपभोग की चीजों को सस्ता दिलाने का वादा कर आम जन को ठग रहीं हैं.| जो तेल स्वयं सरकार को 40 रुपये से भी कम केंद्र सरकार को दिल्ली में पड़ता है उसमे देश की विभिन राज्य सरकारें अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आम आदमी की जेब पर टैक्स का बोझ डाल रहीं हैं |एक देश एक टैक्स स्लैब का सिद्धान्त अगर आज केंद्र सरकार लागू करे तो देश के मध्यम वर्ग के करोड़ों लोग जो दो वक़्त की रोजी रोटी के लिए ज़मीं आसमान एक कर रहे हैं निश्चित तौर पर उन्हें एक बहुत बड़ा फायदा मिलेगा| आप को बता दें की 40 रू वाला ये तेल विभिन राज्य सरकारों के 47 % तक के राज्य टैक्स (वैट) लगाने के बाद महाराष्ट्र जैसे राज्य में 84 रू मिल रहा है |
बीजेपी सरकार ने नहीं दिया देश को लाभ
सन 2014 से सत्ता में आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उतार चढ़ाव देखने को मिला था जो भाव सन 2014 में 100 डॉलर के आस पास थे वे 2016 तक गिरकर 30 -35 डॉलर तक आ गए थे जिस वजह से कच्चा तेल केंद्र को आज के रेट के मुकाबले सस्ते में उपलब्ध था अगर सरकार चाहती तो तेल के रेट को सस्ते में उपलब्ध होने के कारण देशवासियों को भी सस्ता बाँट सकती थी ,पर यहाँ विभिन राज्य सरकारों ने मिलकर तेल कंपनियों और परिवारों को इसका सीधा सीधा लाभ दिया | आम जन को मिलने वाली सब्जियां और अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुए जो एक स्थान से दुसरे स्थान ,एक राज्य से दुसरे राज्य पर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से पहुंचाई जाती रही हैं वे अत्यधिक महँगी हो गईं | डीजल पर दौड़ने वाले ये ट्रक और भारी वाहनों का भार आमजन पर पड़ा है | महंगाई बढ़ने के कारणों का ये भी एक कारक है |
GST का मिल सकता है लाभ
अगर बीजेपी सरकार पेट्रोल डीजल को जी एस टी के दायरे में लेकर आती है तो अधिकतम 28 % के हिसाब से भी तेल आम जन को 50 रुपये के आस पास मिल सकता है और तेजी से बढ़ती महंगाई पर सरकार लगाम लगा सकती है |
आई बी सी फ़ास्ट संवाददाता
पूर्व से लेकर पश्चिम तक जो खेल कच्चे तेल पर चल रहा है उस से आप और हम अनजान नहीं हैं | हमारी सरकारें भी हर दैनिक उपभोग की चीजों को सस्ता दिलाने का वादा कर आम जन को ठग रहीं हैं.| जो तेल स्वयं सरकार को 40 रुपये से भी कम केंद्र सरकार को दिल्ली में पड़ता है उसमे देश की विभिन राज्य सरकारें अपनी आमदनी बढ़ाने के लिए आम आदमी की जेब पर टैक्स का बोझ डाल रहीं हैं |एक देश एक टैक्स स्लैब का सिद्धान्त अगर आज केंद्र सरकार लागू करे तो देश के मध्यम वर्ग के करोड़ों लोग जो दो वक़्त की रोजी रोटी के लिए ज़मीं आसमान एक कर रहे हैं निश्चित तौर पर उन्हें एक बहुत बड़ा फायदा मिलेगा| आप को बता दें की 40 रू वाला ये तेल विभिन राज्य सरकारों के 47 % तक के राज्य टैक्स (वैट) लगाने के बाद महाराष्ट्र जैसे राज्य में 84 रू मिल रहा है |
बीजेपी सरकार ने नहीं दिया देश को लाभ
सन 2014 से सत्ता में आने के बाद अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त उतार चढ़ाव देखने को मिला था जो भाव सन 2014 में 100 डॉलर के आस पास थे वे 2016 तक गिरकर 30 -35 डॉलर तक आ गए थे जिस वजह से कच्चा तेल केंद्र को आज के रेट के मुकाबले सस्ते में उपलब्ध था अगर सरकार चाहती तो तेल के रेट को सस्ते में उपलब्ध होने के कारण देशवासियों को भी सस्ता बाँट सकती थी ,पर यहाँ विभिन राज्य सरकारों ने मिलकर तेल कंपनियों और परिवारों को इसका सीधा सीधा लाभ दिया | आम जन को मिलने वाली सब्जियां और अन्य दैनिक उपभोग की वस्तुए जो एक स्थान से दुसरे स्थान ,एक राज्य से दुसरे राज्य पर ट्रांसपोर्ट के माध्यम से पहुंचाई जाती रही हैं वे अत्यधिक महँगी हो गईं | डीजल पर दौड़ने वाले ये ट्रक और भारी वाहनों का भार आमजन पर पड़ा है | महंगाई बढ़ने के कारणों का ये भी एक कारक है |
GST का मिल सकता है लाभ
अगर बीजेपी सरकार पेट्रोल डीजल को जी एस टी के दायरे में लेकर आती है तो अधिकतम 28 % के हिसाब से भी तेल आम जन को 50 रुपये के आस पास मिल सकता है और तेजी से बढ़ती महंगाई पर सरकार लगाम लगा सकती है |

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