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बाबा रामदेव ने किया अरबों भारतीयों की भावनाओं से खिलवाड़ .....







                                                                 

बाबा रामदेव ने किया गाय का नामकरण -"पतंजलि गाय"
भारत सदा से धर्मों और  संतों का देश रहा है ये हमारी  संस्कृति के उच्च आदर्श ही रहे हैं कि पीढ़िओं से भारतवंशिओं ने संतों का ही नहीं अपितु जीव जंतुओं का भी सम्मान किया है | गाय को अखंड भारत ने माता तुल्य स्थान सदियों से  दिया है  तभी तो आज अनेकों गोरक्षकों और सेवा समितियों ने गायों के लिए देश में अराजकता का माहौल बना रखा है.संसद को भी मॉब  लिंचिंग (भीड़ द्वारा आक्रामक हत्या) मुद्दे पर बहस करने का  मौका दिया है| पर अफ़सोस की इतने बुद्धिजीवियों और हिंदुत्व  की हुंकार भरने वाले लोगो के बीच आज हमारे देश की गौ माता ही असुरक्षित हो गयी है| बैरागी जीवन जीने वाले बाबा रामदेव जो जमीन पर सोने का दवा करते हैं उन्होंने करोड़ों देशवासियों की भावनाओं को ही जमीन पर ला दिया है| अपनी  व्यावसायिकता की सोच और अद्रृश्य लोभ के चलते उन्होंने अपनी स्वनिर्मित कंपनी के उत्पाद में गाए के देशी घी के विज्ञापन में हमारी गौमाता को ही 'पतंजलि" कह डाला है जिसने देश के अरबों भारतीयों के जज्बातों से खिलवाड़ किया है | क्या नहीं किया ? कहाँ है वो हिन्दू राष्ट्र के संरक्षक जो हिंदूवादी विचारधारा की दुहाई देते हैं | क्या अब वो बाबा के उत्पादों का बहिष्कार  करेंगे ? क्या वो एकजुट होकर इस विज्ञापन को बंद करने का कहेंगे ? क्या वो बाबा को गौमाता के खोये हुए सम्मान के लिए प्रायश्चित करवाएंगे ? जिस तरह विदेशी कंपनियां हमारे देवी देवताओं को अपने उत्पादों पर अंकित करती रही हैं ऐसा ही काम बाबा की कंपनी ने किया है | एक देशी कंपनी की इतनी हिम्मत की वह अपने नाम की तख्ती संपूर्ण भारत वर्ष की विचारधारा जानते हुए भी गायों के मस्तक पर अपने नाम की तख्ती लगा दे ? कौन हैं वह लोग जो इतने वर्षों से जानकर भी अनजान बने हुए हैं ?


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