आरएसएस पर पुरुषों का एकाधिकार, महिलाओं को जगह देगी कांग्रेस : राहुल गांधी
बिहार तथा यूपी के आश्रय गृहों में लड़कियों के रेप की कथित घटनाओं को
लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने महिला सुरक्षा के मुद्दे पर पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज महिला सुरक्षा के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना
साधा और बिहार तथा उत्तर प्रदेश के कुछ आश्रय गृहों में लड़कियों के बलात्कार की कथित घटनाओं पर
उनकी चुप्पी पर सवाल उठाए.
कांग्रेसी नेता ने कहा कि उन्होंने पिछले चार सालों में महिलाओं के खिलाफ जो कुछ किया वह पिछले तीन हजार सालों में देश में नहीं हुआ. गांधी ने बीजेपी के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस पर भी कटाक्ष करते हुए आरोप लगाया कि यह ‘‘पुरुषों का एकाधिकारवादी संगठन’’ है और इसमें महिलाओं शामिल नहीं हैं, इसलिए महिलाओं के लिए जो कांग्रेस कर सकती है वह आरएसएस नहीं कर सकता.
गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक को पारित कराने के लिए उनकी पार्टी का पूरा समर्थन देने का वादा भी किया. उन्होंने कहा कि अगर मोदी सरकार इसे लेकर नहीं आती है तो कांग्रेस सत्ता में आने के तुरंत बाद इसे लेकर आएगी. उन्होंने कांग्रेस के भीतर महिलाओं के सशक्तिकरण और उन्हें संगठन में आगे लेकर आने तथा एक न एक दिन राज्य या देश नेतृत्व देने की भी बात की. उन्होंने एसआईसीसी की केन्द्रीय इकाइयों में और महिलाओं को शामिल करने का भी वादा किया और कहा, देश को उनकी जरूरत है.
प्रधानमंत्री पर करारा हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा और आरएसएस द्वारा विभिन्न संस्थानों पर निशाना साधा जा रहा है और उन्होंने देश को बर्बाद कर दिया है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी एकजुट होकर आगामी दिनों में उन्हें परास्त करेगी. सरकार के नारे ‘‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’’ के संदर्भ में गांधी ने कहा कि असल में यह ‘‘भाजपा विधायकों से बेटियों को बचाओ’’ है. दरअसल गांधी बलात्कार के मामलों में आरोपी कुछ भाजपा नेताओं के परोक्ष संदर्भ में बात कर रहे थे.
गांधी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में ‘‘महिला अधिकार सम्मेलन’’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश में संस्थानों पर हमला हो रहा है, फिर चाहे संसद हो, विधानसभा हो या न्यायपालिका हो. अल्पसंख्यक, महिलाओं, आदिवासियों, छोटे कारोबारियों पर हमला हो रहा है. हम आने वाले दिनों में भाजपा से लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और विपक्ष भाजपा की विचारधारा से लड़ने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं. हम वैचारिक युद्ध लड़ रहे हैं.’’
गांधी ने यहां तालकटोरा स्टेडियम में ‘‘महिला अधिकार सम्मेलन’’ को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘देश में संस्थानों पर हमला हो रहा है, फिर चाहे संसद हो, विधानसभा हो या न्यायपालिका हो. अल्पसंख्यक, महिलाओं, आदिवासियों, छोटे कारोबारियों पर हमला हो रहा है. हम आने वाले दिनों में भाजपा से लड़ेंगे और उन्हें हराएंगे.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी और विपक्ष भाजपा की विचारधारा से लड़ने के लिए एकजुट होकर काम कर रहे हैं. हम वैचारिक युद्ध लड़ रहे हैं.’’
गांधी ने कहा, ‘‘(उन्होंने) भारत को बदलने की बात कही थी, 70 सालों की बात की थी... उन्होंने पिछले चार सालों में महिलाओं के खिलाफ जो कुछ किया वह इस देश में, 70 साल तो छोड़िए पिछले तीन हजार सालों में नहीं हुआ.’’ उन्होंने उत्तर प्रदेश और बिहार के मुजफ्फरपुर में आश्रय गृहों में लड़कियों के बलात्कार के बीच, महिलाओं के खिलाफ अत्याचारों पर मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री हर चीज पर बोलते हैं, बुलेट ट्रेन पर, शौचालय पर लेकिन महिलाओं पर नहीं. महिलाओं पर जब भी अत्याचार होते हैं, वह नहीं बोलते.’’
गांधी ने कहा कि वह जब भी विदेश जाते हैं और नेताओं को गले लगाते हैं तो उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं होता कि भारत में महिलाएं सुरक्षित क्यों नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और कई अन्य राज्यों में महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं. भाजपा, आरएसएस और कांग्रेस के बीच सबसे बड़ा अंतर महिलाओं के स्थान को लेकर है.
बीते चार साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक के बारे में कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा में इस मुद्दे पर प्रतिबद्धता की कमी है और उन्होंने भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस के उदाहरण का हवाला दिया और आरएसएस को ‘‘पुरुषों का एकाधिकारवादी संगठन’’ बताया. कांग्रेस में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें उनकी हक की जगह दिलाने का वादा करते हुए गांधी ने सम्मेलन में ‘‘यौर फाइट इज अवर फाइट’’ (आपकी लड़ाई हमारी लड़ाई है) का नारा दिया और कहा कि आप इसमें जोड़ सकते हैं ‘‘यौर फाइट इज कांग्रेस प्रेसीडेंट्स फाइट’’ (आपकी लड़ाई, कांग्रेस अध्यक्ष की लड़ाई है). उन्होंने महिलाओं को नीति, घोषणा-पत्र तैयार करने और संगठन में आगे लाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि संगठन में महिलाओं को बराबरी की जगह मिले. उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस पार्टी में आपके लिए जगह बनाने जा रहे हैं. हमें हमारी पार्टी में महिलाओं के लिए विशेष जगह बनानी होगी. हमें हर स्तर पर जगह बनानी होगी.’’
गांधी ने कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा देश को इस तरह का दृष्टिकोण कभी भी नहीं दिखा सकेंगी. उनके मूल संगठन आरएसएस ने अपने संगठन में कभी भी किसी महिला को आने नहीं दिया. आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों का संगठन है. भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों का एकाधिकारवादी संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता. इसलिए जो हम कर सकते हैं वह वे नहीं कर सकते.’’ उन्होंने कहा कि अगर उनसे चुनाव में उम्मीदवार चुनने के लिए कहा जाए जो वह ज्यादा सक्षम को चुनेंगे. गांधी ने कहा, ‘‘अगर दोनों बराबरी की क्षमता रखते हैं तो मैं महिला को उम्मीदवार के रूप में चुनूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को हमारे संगठन में बराबरी की जगह मिले. हमारा उद्देश्य हमारी पार्टी में 50 प्रतिशत महिलाओं को जगह देना है.’’
गांधी ने कहा कि वह जब भी विदेश जाते हैं और नेताओं को गले लगाते हैं तो उनके पास इस सवाल का जवाब नहीं होता कि भारत में महिलाएं सुरक्षित क्यों नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश, बिहार और कई अन्य राज्यों में महिलाओं का बलात्कार किया जा रहा है लेकिन प्रधानमंत्री चुप हैं. भाजपा, आरएसएस और कांग्रेस के बीच सबसे बड़ा अंतर महिलाओं के स्थान को लेकर है.
बीते चार साल से लंबित महिला आरक्षण विधेयक के बारे में कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि भाजपा में इस मुद्दे पर प्रतिबद्धता की कमी है और उन्होंने भाजपा के वैचारिक मार्गदर्शक आरएसएस के उदाहरण का हवाला दिया और आरएसएस को ‘‘पुरुषों का एकाधिकारवादी संगठन’’ बताया. कांग्रेस में महिलाओं को आगे लाने और उन्हें उनकी हक की जगह दिलाने का वादा करते हुए गांधी ने सम्मेलन में ‘‘यौर फाइट इज अवर फाइट’’ (आपकी लड़ाई हमारी लड़ाई है) का नारा दिया और कहा कि आप इसमें जोड़ सकते हैं ‘‘यौर फाइट इज कांग्रेस प्रेसीडेंट्स फाइट’’ (आपकी लड़ाई, कांग्रेस अध्यक्ष की लड़ाई है). उन्होंने महिलाओं को नीति, घोषणा-पत्र तैयार करने और संगठन में आगे लाने का वादा किया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में उनका काम यह सुनिश्चित करना है कि संगठन में महिलाओं को बराबरी की जगह मिले. उन्होंने कहा, ‘‘हम कांग्रेस पार्टी में आपके लिए जगह बनाने जा रहे हैं. हमें हमारी पार्टी में महिलाओं के लिए विशेष जगह बनानी होगी. हमें हर स्तर पर जगह बनानी होगी.’’
गांधी ने कहा, ‘‘आरएसएस और भाजपा देश को इस तरह का दृष्टिकोण कभी भी नहीं दिखा सकेंगी. उनके मूल संगठन आरएसएस ने अपने संगठन में कभी भी किसी महिला को आने नहीं दिया. आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों का संगठन है. भाजपा में अन्य संगठन भी हैं जहां महिलाएं हैं लेकिन आरएसएस पूरी तरह से पुरुषों का एकाधिकारवादी संगठन है जो महिलाओं को जगह देने में विश्वास नहीं रखता. इसलिए जो हम कर सकते हैं वह वे नहीं कर सकते.’’ उन्होंने कहा कि अगर उनसे चुनाव में उम्मीदवार चुनने के लिए कहा जाए जो वह ज्यादा सक्षम को चुनेंगे. गांधी ने कहा, ‘‘अगर दोनों बराबरी की क्षमता रखते हैं तो मैं महिला को उम्मीदवार के रूप में चुनूंगा.’’ उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में मेरा काम यह सुनिश्चित करना है कि महिलाओं को हमारे संगठन में बराबरी की जगह मिले. हमारा उद्देश्य हमारी पार्टी में 50 प्रतिशत महिलाओं को जगह देना है.’’
राहुल के बीजेपी और संघ पर महिला विरोधी होने के आरोप पर स्मृति ईरानी बिफरीं
केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- राहुल गांधी संघ की बुराई करे रहे हैं जबकि इस संगठन के
बारे में जानकारी नहीं रखते
नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और बीजेपी पर महिला विरोधी होने के
आरोप पर केंद्रीय कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी बिफर पड़ीं. उन्होंने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी. ईरानी ने कहा
कि राहुल ने अपने मंच पर बीजेपी से संबंधित महिलाओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी की. संघ को लेकर
आपत्तिजनक बातें कीं. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का संघ के प्रति दुराव बहुत ज्यादा है जबकि संघ के
बारे में वे जानकारी नहीं रखते. मोदी सरकार में रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री महिलाएं हैं.
ईरानी ने कहा कि कांग्रेस अपने संगठन में महिला कार्यकर्ता नहीं खड़ी कर सकती जबकि मोदी सरकार ने मुद्रा लोन देश की महिलाओं के हाथों में दे दिया है. उनकी रसोई में ईंधन पहुंचाया है. राहुल गांधी बताएं कि कांग्रेस ने उज्जवला गैस योजना क्यों नहीं दी.
स्त्रोत :khabar.ndtv

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