आपका वोट,श्रीगंगानगर का विकास
आईबीसी फ़ास्ट
श्रीगंगानगर 3 दिसंबर
पिछले 15 साल हमारे क्षेत्र श्रीगंगानगर के लिए दुर्भाग्यशाली रहे हैं जहां पिछले चुनावों में जमींदार पार्टी ने लोकलुभावने वादे जिनमे डबल डेकर नहरों का निर्माण करना,मेडिकल कॉलेज नगरवासियों और ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों के लिए खुलवाना,फ़ूड पार्क स्थापित करना, हजारों बेरोजगारों को नौकरियों को दिलाने व किसानों को सोने सी घोषणाओं से श्रीगंगानगर में बहुमत प्राप्त किया परंतु उस दौरान प्रदेश स्तर पर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनते ही यहां की अमीर विधायक कामिनी जिंदल की जीत भी श्रीगंगानगर में विकास नही करवा पाई
इसी 7 दिसंबर को पूरे राजस्थान में नई सरकार बनाने के लिए एक बार फिर से मतदान होना है परंतु एक बार फिर निर्दलीय और बागी प्रत्याशी श्रीगंगानगर के विकास में बाधा बन सकते हैं दूसरी और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय एवं राज्य स्तरीय की गई अधिकांश योजनायों को जनता चुटकी लेते हुए "जुमले' करार देती है।भारतीय जनता पार्टी की किसान,मजदूर,गृहणियों, व्यापारियों,बेरोजगारों ,माध्यम वर्ग ,आमजन व सरकारी कर्मचारी विरोधी नीतियों से जहां कांग्रेस की सरकार बनाने के प्रबल योग और आसार नजर आ रहे हैं वहीं निर्दलीय और बागी यहां के वोटर को कंफ्यूज कर रहे है यूँ तो यहां एक बार फिर वही स्थिति उत्पन्न हो सकती है।बीजेपी ने एक और जहां पूर्व मंत्री रहे राधेश्याम का टिकट काटा है वहीं कांग्रेस से बागी हुए राजकुमार गौड़ को निष्काषित किया है ।बीजेपी से पूर्व प्रदेश स्तर कार्यकर्ता रहे प्रहलादराय टाक ने टिकट न मिलने के गम में अपना भगवान ही बदल डाला और बसपा से टिकट लेकर चुनावी रण में कूद पड़े , उधर वर्षों से कांग्रेस कार्यकर्ता रहे गौड़ और जयदीप बिहाणी ने अपनी राजनैतिक महत्वाकांशाओं के चलते निर्दलीय खड़े होकर श्रीगंगानगर के विकास को ही दाव पे लगा दिया है। क्या निर्दलीय व क्षेत्रीय दल बगैर राज्य सरकार के संसाधनों व ज़िलों को मिले बजट व पैसे के अभाव में श्रीगंगानगर का समुचित विकास करवा पाएंगे? या एक बार फिर ये शहर विकास की धारा से भटक जाएगा।
अब जनता ने श्रीगंगानगर और राज्य में बनने वाली सरकार की कड़ी को विकास के लिए बनाने में चूकना नहीं है और मजबूत कर एक ठोस बहुमत देने का काम करना है ।जनता अगर मात्र विधायक बनने के लोभियों से ज़िले को बचा पाएगी तो ही श्रीगंगानगर का विकास राज्य सरकार के साथ साथ संभव होगा। नहीं तो पिछले 15 वर्षों की तरह , ये शहर और जिला विकास में पिछड़ जाएगा।

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