हनुमानगढ़। बार संघ हनुमानगढ़ व टिब्बी के अधिवक्ताओं ने सोमवार को जिला कलक्टर को पटवार हल्का टिब्बी में कार्यरत पटवारी सुरेश कुमार शर्मा को निलम्बित कर इसके विरूद्ध विभागीय कार्यवाही करने की मांग को लेकर हनुमानगढ़ अध्यक्ष जितेन्द्र सारस्वत व टिब्बी अध्यक्ष विकास शर्मा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के अनुसार 22 मार्च 2019 को टिब्बी बार संघ के सदस्य व पूर्व अध्यक्ष विरेन्द्र सिंह राठौड़ अपनी कृषि भूमि के फसलाना ऋण की पत्रावली बनवाने गये तो पटवारी हल्का ने अवैध रूप से 1500 रूपये रिश्वत की मांग की। एडवोकेट विरेन्द्र सिंह द्वारा रिश्वत देने में असमर्थता जाहिर की तो पटवारी सुरेश कुमार ने पत्रावली बनाने के इंकार कर दिया तब विरेन्द्र सिंह राठौड़ बार संघ के अध्यक्ष विकास शर्मा व अनिल सिड़ाना, संदीप राठौड़, रतन शर्मा, संजय शर्मा, महावीर वर्मा एडवोकेटस को साथ लेकर पटवारी हल्का के पास गये, इन्हे देखते ही पटवारी हल्का आग बबूला हो गया और कहने लगा कि मै 1500 रूपये के सुविधा शुल्क के बिना ऋण पत्रावली नही बनाउगा। अभिभाषकगण के आग्रह पर भी पटवारी सुरेश कुमार ने अपने कत्र्तव्यों का पालन नही किया व यह धमकी दी कि मेरा जो बिगाडना हो बिगाड़ लेना। दिनांक 24 मार्च को पटवारी सुरेश कुमार ने अध्यक्ष बार संघ्ज्ञ टिब्बी को मोबाईल फोन पर यह धमकी दी कि राजीनामा कर लो नही तो मै टिब्बी थानें में भारतीय दण्ड संहिता की धारा 332, 353 के तहत मुकदमा दर्ज करवाउगा। सुरेश कुमार पटवारी के उकत कृत्य पर आज बार संघ टिब्बी की बैठक बुलाई व सुरेश कुमार के विरूद्ध उक्त कृत्य बाबत निंदा प्रस्ताव परीत किया गया व यह भी निर्णरू लिया गया कि सुरेश कुमार पटवारी को उसके उक्त कृत्य के लिये दण्डित किया जाकर निलम्बित किया जाये व इसके विरूद्ध विभागीय जांच खोली जाये व इसका स्थानातरण तहसील मुख्यालय टिब्बी से बाहर किया जाये। जब तक पटवारी सुरेश कुमार निलम्बित नही किया जाता तब तक बार संघ टिब्ी के समस्त सदस्य टिब्बी न्यायलय में अपनी उपस्थिति दर्ज नही करवायेगे। बार संघ टिब्बी द्वारा 29 मार्च को उपखण्ड मजिस्ट्रैट टिब्बी को उपरोक्त आश्य का ज्ञापन दिया था जिसकी आज तक कोई कार्यवाही नही हुई। ज्ञापन देने वालों में विकास शर्मा, विरेन्द्र सिंह राठौड़, संदीप सिंह राठौड़, विजय सिंह बैनीवाल, रामस्वरूप भादू, अब्दुल सत्तार जोईया, संजय शर्मा, अनिल सिहाग, जितेन्द्र सारस्वत, योगेश झोरड़, रघुवीर वर्माद्व मनोज शर्मा, रामकुमार बिश्रोई व अन्य अधिवक्ता मौजूद थे।
एबीपी न्यूज़ के पत्रकारों ने मोदी सरकार की आलोचना की कीमत चुकाई है? सूत्रों के अनुसार चैनल में हुए इन बदलावों के बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को पिछले हफ्ते संसद भवन में कुछ पत्रकारों से कहते सुना गया था कि वे ‘एबीपी को सबक सिखाएंगे.’ देश के बड़े टीवी न्यूज़ चैनल एबीपी न्यूज़ से दो बड़े पत्रकारों के इस्तीफे और तीसरे को काम करने से रोकने को मीडिया और राजनीतिक हलकों में किसी मीडिया हाउस के सत्तारूढ़ दल को खुश रखने की कोशिश की तरह देखा जा रहा है. बुधवार 1 अगस्त को चैनल प्रबंधन ने एडिटर इन चीफ मिलिंद खांडेकर के इस्तीफे की घोषणा की. इसके बाद हाल ही में एबीपी पहुंचे, चर्चित शो ‘मास्टर स्ट्रोक’ के एंकर और पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेयी के चैनल छोड़ने की खबर आई. इस बारे में कोई स्पष्टता नहीं है कि बाजपेयी ने इस्तीफ़ा दिया या उन्हें चैनल छोड़ने के लिए कहा गया. गौरतलब है कि उनका चैनल से जाना उनके शो के उस एपिसोड के बाद हुआ है, जिसमें उन्होंने छत्तीसगढ़ की एक महिला किसान के मोदी सरकार की योजना के चलते ‘दोगुनी हुई आय’ के प्रधानमंत्री के दावे का खंडन प्रसारित किया था. ...
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